भोपाल। केंद्र की मोदी सरकार इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 में संशोधन को इसी साल संसद से पास कराने की कोशिश में हैं, इस एक्ट में संशोधन के बाद बिजली का सारा कंट्रोल प्राईवेट कंपनियों के हाथों में चला जाएगा, इसके बाद बिजली के बिल आसमान छूने लगेंगे और आम लोगों के लिए बिजली बिल के खर्च को सहना बहुत मुश्किल हो जाएगा। यह संशोधन कुछ खास कंपनियों को फायदा पहुंचाने के मकसद से लाए जा रहे हैं। इस संशोधन के बाद बिजली के क्षेत्र में राज्य सरकारों की सारी पावर शून्य हो जाएगी। इन संशोधनों के बाद बिजली के बिलों में दो से पांच गुना तक का इजाफा होगा और बिजली वितरण कंपनियों पेट्रोल की कीमतों की तरह जब चाहेंगी, तब कीमतें बढ़ाती रहेंगी।
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 में संशोधन के बाद प्राईवेट बिजली कंपनियों को बिजली के दाम तय करने का अधिकार मिल जाएगा। यह अधिकार मिलते ही देश में बिजली कंपनियों का एकाधिकार स्थापित हो जाएगा। जिस तरह आज पेट्रोल-डीजल के दाम तय करने का अधिकार प्राईवेट तेल कंपनियों के पास है, जिस कारम इनकी कीमतों में हर दिन बढ़ोतरी होती रही है, उसी तरह अब बिजली की कीमतों में भी बढ़ोतरी होने लगेगी। इसका सबसे अधिक नुकसान किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को होगा और बिजली उनकी पहुंच से दूर हो जाएगी।