भोपाल. जब भदभदा विश्रामघाट में गुरुवार देर रात तक जलती रहीं कोविड मृतकों की चिताएं…छह महीने में ऐसा पहली बार कि राजधानी में एक दिन में 23 कोरोना मरीजों की मौत हुई… ऐसे में यहां दिनभर कोराेना मरीजों के शवों के आने का सिलसिला चलता रहा, सिर्फ एक शव के अंतिम संस्कार की ही जगह बची.
भोपाल में कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार इसी विश्राम घाट पर हो रहा है, इसलिए यहाँ भीड़ लगी रही.लॉकडाउन के बाद 25 मार्च से अब तक ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी एक दिन में इतने कोरोना मरीजों की मौत हुई हो.
गुरुवार को भोपाल में 23 कोरोना मरीजों की मौत हुई. इनमें 8 भोपाल कोरोना पेशेंट थे, तो शेष 15 आसपास के शहरों के थे. सामान्य मृतकों के परिजन को प्लेटफार्म खाली होने का इंतजार करना पड़ा तो कुछ ने जगह नहीं मिलने पर जमीन पर ही चिता लगाकर अंतिम संस्कार कर दिया. दिनभर में 27 शव यहां पहुंचे. इनमें 23 का कोविड प्रोटोकॉल तो बाकी 4 का सामान्य प्रक्रिया से दाह संस्कार किया गया.राजधानी में गुरुवार को 265 और आज शुक्रवार को 291 नए संक्रमित मिले.
भदभदा में पिछले आठ दिन में हुआ 132 शवों का अंतिम संस्कार ,
इनमें से 75 कोरोना मरीज थे,तीन दिन से लगातार बढ़ रही है कोविड,
मृतकों के शवों की संख्या,जगह कम पड़ी तो जमीन पर जली चिताएं.
शहर में कोरोना मरीजों की संख्या के साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. ढाई महीने पहले तक भदभदा विश्राम घाट पर जहां रोज औसतन 5 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे थे, वहीं ये संख्या अब 14 तक पहुंच गई है. बीते 8 दिन में ही यहां 132 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है. इनमें से 75 शव कोरोना पॉजिटिव मरीजों के थे.
हालांकि मृतक भोपाल के अलावा बीना, ललितपुर समेत अन्य राज्यों के भी रहने वाले थे. ये कोरोना का इलाज कराने भोपाल के अलग- अलग अस्पतालों में भर्ती हुए थे. पिछले 8 दिनों से हालात यह हैं कि यहां 10 से अधिक शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे. यह हकीकत भदभदा विश्रामघाट में रिकाॅर्ड की पड़ताल में सामने आई.इनें 132 शवों में से 64.39 फीसदी यानी 85 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया. इनमें 10 शव उन मरीजों के थे, जिन्हें कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, उनकी रिपोर्ट आखिरी सांस तक नहीं आई थी.एक और उल्लेखीय बात अब सिर्फ 25 शवों के अंतिम संस्कार के लिए ही लकड़ी बची है.